उत्तराखंड राज्य सरकार ने ‘मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ’ के स्थान में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना’ की शुरुआत की। इस मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना का उद्देश्य बुज़ुर्गो को तीर्थ-यात्रा करवाना है। इस योजना के तहत राज्य के भीतर के नई देवस्थानों पर घुमाया जाएगा तथा 6 नए धार्मिक स्थलों को जोड़ा गया है।
इस योजना के तहत पूर्व की भांति श्री बद्रीनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम, नानकमत्ता व रीठा-मीठा साहिब, निजामुद्दीन औलिया के अतिरिक्त कलियर शरीफ (हरिद्वार), ताडकेश्वर (पौड़ी), कालीमठ (रूद्रप्रयाग), जागेश्वर (अल्मोड़ा), गैराड गोलू (बागेश्वर), गंगोलीहाट (पिथौरागढ) आदि को शामिल किया गया है। इस योजना में 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को लाभार्थी बनाया जाता है।
उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों एवं खण्ड विकास अधिकारियों से अनुरोध किया है कि अपने क्षेत्रान्तर्गत ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को जो उक्त वर्णित धामों एवं तीर्थ स्थलों में किसी एक धाम /तीर्थ स्थल हेतु चयनित कर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर फार्म भरवाते हुए चयनित बुजुर्गों का विवरण क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कार्यालय को ई-मेल rtotourismddn@gmail.com पर भी उपलब्ध करायें।
योजना की पूरी जानकारी के लिए - CLICK HERE
इस योजना के तहत पूर्व की भांति श्री बद्रीनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम, नानकमत्ता व रीठा-मीठा साहिब, निजामुद्दीन औलिया के अतिरिक्त कलियर शरीफ (हरिद्वार), ताडकेश्वर (पौड़ी), कालीमठ (रूद्रप्रयाग), जागेश्वर (अल्मोड़ा), गैराड गोलू (बागेश्वर), गंगोलीहाट (पिथौरागढ) आदि को शामिल किया गया है। इस योजना में 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को लाभार्थी बनाया जाता है।
उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों एवं खण्ड विकास अधिकारियों से अनुरोध किया है कि अपने क्षेत्रान्तर्गत ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को जो उक्त वर्णित धामों एवं तीर्थ स्थलों में किसी एक धाम /तीर्थ स्थल हेतु चयनित कर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर फार्म भरवाते हुए चयनित बुजुर्गों का विवरण क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कार्यालय को ई-मेल rtotourismddn@gmail.com पर भी उपलब्ध करायें।
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