डोर टू डोर कचरा संग्रहण योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई गयी एक पहल है जो की स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुरू की गयी है. हलाकि योजना को पहले भी शुरू किया जा चूका है, लेकिन तैयारियां पूरी न होने के कारन इसको ट्रायल का नाम दे दया गया.
डोर टू डोर कचरा संग्रहण योजना का उद्घाटन कल पार्षदों ने अपने अपने वार्ड से 8 मई 2017 को शुरू कर दिया गया. यह योजना मानसरोवर और सिविल लाइन्स के आठ वार्ड में शुरू की गयी थी.
यह योजना लोगो को सफाई के प्रति जागरूक भी करेगी. राजस्थान के जयपुर को सफाई की रेस में 215 व नंबर मिला है. इसलिए इस योजना को दोबारा शुरू किया है. निगम ने ठेका कम्पनी को तत्काल काम करने के लिए कहा गया है.
कम्पनी ने सात दिन के ट्रायल के बाद जागरूकता अभियान के बाद आज से योजना का ट्रायल शुरू कर दिया गया है.
फ़िलहाल इस योजना को वार्ड 40 से 43 और सिविल लाइन्स जाने के वार्ड 20 , 21 , और 58 से शुरू कर दिया गया है. इस योजना के अंतर्गत लगभग हर साल 44 .41 करोड़ रुपये की लागत खर्च होगी.
राजस्थान की सभी सरकारी योजनाएं
डोर टू डोर कचरा संग्रहण योजना का उद्घाटन कल पार्षदों ने अपने अपने वार्ड से 8 मई 2017 को शुरू कर दिया गया. यह योजना मानसरोवर और सिविल लाइन्स के आठ वार्ड में शुरू की गयी थी.
यह योजना लोगो को सफाई के प्रति जागरूक भी करेगी. राजस्थान के जयपुर को सफाई की रेस में 215 व नंबर मिला है. इसलिए इस योजना को दोबारा शुरू किया है. निगम ने ठेका कम्पनी को तत्काल काम करने के लिए कहा गया है.
कम्पनी ने सात दिन के ट्रायल के बाद जागरूकता अभियान के बाद आज से योजना का ट्रायल शुरू कर दिया गया है.
फ़िलहाल इस योजना को वार्ड 40 से 43 और सिविल लाइन्स जाने के वार्ड 20 , 21 , और 58 से शुरू कर दिया गया है. इस योजना के अंतर्गत लगभग हर साल 44 .41 करोड़ रुपये की लागत खर्च होगी.
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